डॉ. अमित कुमार गुप्ता के अनुसार, लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, जिसे मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (MIS) भी कहा जाता है, एक ऐसी सर्जिकल तकनीक है जिसमें सर्जन छोटे-छोटे कट्स (incisions) करके लैप्रोस्कोप (एक लंबी, पतली ट्यूब जिसमें कैमरा और लाइट होती है) और सर्जिकल उपकरणों को रोगी के शरीर में डालते हैं। इस तकनीक से सर्जनों को पेट और पेल्विक अंगों को ऑपरेट करने में काफी मदद मिलती है।
डॉ. अमित कुमार गुप्ता, जो एक अनुभवी जनरल और लैप्रोस्कोपिक सर्जन हैं, का कहना है कि लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:
छोटे इन्सीजन (Cuts)
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में पारंपरिक ओपन सर्जरी के मुकाबले बहुत छोटे इन्सीजन किए जाते हैं। इसलिए, दर्द कम होता है, निशान छोटे होते हैं, और रिकवरी भी जल्दी होती है।
कम दर्द और रक्तस्राव (Bleeding)
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में कम ट्रॉमा होता है, इसलिए दर्द और रक्तस्राव भी कम होती है।
कम अस्पताल में भर्ती होना (Hospitalization)
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद मरीजों को जल्दी डिस्चार्ज कर दिया जाता है, जिससे अस्पताल में रहने का समय कम हो जाता है।
त्वरित रिकवरी (Quick Recovery)
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद मरीज जल्दी रिकवर हो जाते हैं और अपने सामान्य रूटीन में जल्दी वापस आ जाते हैं।
कॉस्मेटिक लाभ (Cosmetic Benefits)
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के छोटे इन्सीजन से छोटे निशान होते हैं, जो कॉस्मेटिक दृष्टिकोण से बहुत अच्छे होते हैं।
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